कुलपति ने डार्विन के सिद्धांत से बेहतर बताया 'दशावतार', रावण के पास थे कई हवाई अड्डे :- आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति जी नागेश्वर राव ने लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय में 106वीं इंडियन साइंस कांग्रेस में त्रेता युग और दशावतार को लेकर कई दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि दशावतार का सिद्धांत चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत से बेहतर है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम ने अस्त्र और शस्त्र का प्रयोग किया जबकि भगवान विष्णु ने लक्ष्य का पीछा करने के लिए सुदर्शन चक्र को भेजा था जो मारने के बाद वापस उनके पास आ जाता था। राव ने कहा कि इससे पता चलता है कि गाइडेड मिसाइल का विज्ञान भारत के लिए कुछ नया नहीं है। यह हजारों साल पहले भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि रावण के पास लंका में कई हवाई अड्डे भी थे और उसने उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने दावा किया कि हिंदू शास्त्रों में भगवान राम के जिस दशावतार का जिक्र है वह 17वीं सदी के वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत से बहुत बेहतर है। राव ने कहा, 'दशावतार डार्विन के सिद्धांत से बेहतर है क्योंकि इसमें योजना बनाई गई है कि मनुष्यों के बाद क्या आएगा।' दशावतार में बताया गया है कि जब भी धरती में कोई गड़बड़ी होगी तब भगवान विष्णु अवतार लेकर उसे ठीक करेंगे जबकि डार्विन के सिद्धांत में मनुष्य शरीर और व्यवहार में समय के साथ होने वाले बदलाव के बारे में बताया गया है। - KHAT-KHABARON-KA

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Sunday, January 6, 2019

कुलपति ने डार्विन के सिद्धांत से बेहतर बताया 'दशावतार', रावण के पास थे कई हवाई अड्डे :- आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति जी नागेश्वर राव ने लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय में 106वीं इंडियन साइंस कांग्रेस में त्रेता युग और दशावतार को लेकर कई दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि दशावतार का सिद्धांत चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत से बेहतर है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम ने अस्त्र और शस्त्र का प्रयोग किया जबकि भगवान विष्णु ने लक्ष्य का पीछा करने के लिए सुदर्शन चक्र को भेजा था जो मारने के बाद वापस उनके पास आ जाता था। राव ने कहा कि इससे पता चलता है कि गाइडेड मिसाइल का विज्ञान भारत के लिए कुछ नया नहीं है। यह हजारों साल पहले भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि रावण के पास लंका में कई हवाई अड्डे भी थे और उसने उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने दावा किया कि हिंदू शास्त्रों में भगवान राम के जिस दशावतार का जिक्र है वह 17वीं सदी के वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत से बहुत बेहतर है। राव ने कहा, 'दशावतार डार्विन के सिद्धांत से बेहतर है क्योंकि इसमें योजना बनाई गई है कि मनुष्यों के बाद क्या आएगा।' दशावतार में बताया गया है कि जब भी धरती में कोई गड़बड़ी होगी तब भगवान विष्णु अवतार लेकर उसे ठीक करेंगे जबकि डार्विन के सिद्धांत में मनुष्य शरीर और व्यवहार में समय के साथ होने वाले बदलाव के बारे में बताया गया है।


कुलपति ने डार्विन के सिद्धांत से बेहतर बताया 'दशावतार', रावण के पास थे कई हवाई अड्डे :-

आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति जी नागेश्वर राव ने लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय में 106वीं इंडियन साइंस कांग्रेस में त्रेता युग और दशावतार को लेकर कई दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि दशावतार का सिद्धांत चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत से बेहतर है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम ने अस्त्र और शस्त्र का प्रयोग किया जबकि भगवान विष्णु ने लक्ष्य का पीछा करने के लिए सुदर्शन चक्र को भेजा था जो मारने के बाद वापस उनके पास जाता था। राव ने कहा कि इससे पता चलता है कि गाइडेड मिसाइल का विज्ञान भारत के लिए कुछ नया नहीं है। यह हजारों साल पहले भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि रावण के पास लंका में कई हवाई अड्डे भी थे और उसने उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने दावा किया कि हिंदू शास्त्रों में भगवान राम के जिस दशावतार का जिक्र है वह 17वीं सदी के वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत से बहुत बेहतर है। राव ने कहा, 'दशावतार डार्विन के सिद्धांत से बेहतर है क्योंकि इसमें योजना बनाई गई है कि मनुष्यों के बाद क्या आएगा।' दशावतार में बताया गया है कि जब भी धरती में कोई गड़बड़ी होगी तब भगवान विष्णु अवतार लेकर उसे ठीक करेंगे जबकि डार्विन के सिद्धांत में मनुष्य शरीर और व्यवहार में समय के साथ होने वाले बदलाव के बारे में बताया गया है।





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