Tuesday, January 29, 2019

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पीएम मोदी ने छात्रों को दिए गुरु मंत्र, बोले- 'कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती
पीएम मोदी ने छात्रों को दिए गुरु मंत्र, बोले- 'कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती
पीएम मोदी ने छात्रों को दिए गुरु मंत्र, बोले- 'कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने आज इस
साल होने वाली
बोर्ड परीक्षाओं से
पहले छात्र-छात्राओं को
तनाव से मुक्त रहने के
टिप्स देने
के लिए उनसे
‘परीक्षा पे चर्चा 2.0’ की।
पीएम मोदी ने
इस दौरान कहा
'मेरे लिए ये
कार्यक्रम किसी को उपदेश
देने के लिए
नहीं है। मैं
यहां आपके बीच
खुद को अपने
जैसा, आपके जैसा
और आपकी स्थिति
जैसा जीना चाहता
हूं, जैसा आप
जीते हैं।' पीएम
ने कहा 'हर
माता-पिता को
अपने बच्चों
को प्रोत्साहित
करना चाहिए। परीक्षा का
महत्व तो
है, लेकिन यह
जीवन की परीक्षा नहीं
है।' उन्होंने
कहा कि अगर
हम अपने आपको
कसौटी के तराजू
पर झौकेंगे नहीं
तो जिंदगी में
ठहराव आ जाएगा।
ज़िन्दगी का मतलब ही
होता है गति,
जिंदगी का मतलब
ही होता है
सपने। प्रधानमंत्री ने
कहा 'जब मन
में अपनेपन का
भाव पैदा हो
जाता है तो
फिर शरीर में
ऊर्जा अपने आप
आती है। मेरे
लिए भी देश
के सवा सौ
करोड़ देशवासी मेरा
परिवार हैं। उन्होंने कहा 'अभिभावकों की
महत्वाकांक्षाएं होती
हैं, लेकिन बच्चों पर दबाव
बनाने से स्थिति
बदल जाती है।
लेकिन बच्चों
की क्षमता को
पहचानने की कोशिश करें।
बच्चों पर
दबाव ना डालें।'
एक अभिभावक के
सवाल कि बच्चा मोबाइल गेम
खेलता है, इस
पर पीएम मोदी
ने कहा कि
टेक्नोलॉजी का उपयोग हमारे
विस्तार के लिए, हमारे
सामर्थ्य में बढ़ोतरी के
लिए होना चाहिए। पीएम मोदी
ने अभिभावकों से
कहा कि बच्चों के बड़े
होने तक उनकी
गतिविधियों पर नजर रखें,
इससे उनके बड़े
होने पर उनकी
क्षमताओं का पता चलेगा।
जो लोग सफल
होते हैं, उन
पर समय का
दबाव नहीं होता
है। ऐसा इसलिए
होता है क्योंकि उन्होंने अपने
समय की कीमत
समझी होती है।
पीएम मोदी ने
इस दौरान कहा
कि कसौटी बुरी
नहीं होती, हम
उसके साथ किस
प्रकार से डील
करते हैं, सब
उस पर निर्भर
करता है। मेरा
तो सिद्धांत है
कि कसौटी कसती
है, कसौटी कोसने
के लिए नहीं
होती । 'लक्ष्य
ऐसा होना चाहिए,
जो पहुंच में
तो हो, पर
पकड़ में न
हो। जब हमारा
लक्ष्य पकड़ में
आएगा तो उसी
से हमें नए
लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। पीएम मोदी
ने कहा कि
निराशा में डूबा
समाज, परिवार या
व्यक्ति किसी का भला
नहीं कर सकता
है, आशा और
अपेक्षा आगे बढ़ने के
लिए अनिवार्य होती
है। आप अपने
रिकॉर्ड से ‘कॉम्पटीशन’ कीजिए
और हमेशा अपने
रिकॉर्ड ब्रेक कीजिए. इससे
आप कभी तनाव
में नहीं रहेंगे। मां-बाप और शिक्षकों को
बच्चों की तुलना
नहीं करना चाहिए,
इससे बच्चों पर
बुरा प्रभाव पड़ता
है। हमें हमेशा
बच्चों को प्रोत्साहित करना
चाहिए। अंत में
पीएम ने कहा
कि अभिभावकों और
शिक्षकों को बच्चों के
डिप्रेशन को हल्के में
नहीं लेना चाहिए।
डिप्रेशन या स्ट्रेस से
बचने के लिए
काउंसिलिंग से भी संकोच
नहीं करना चाहिए,
बच्चों के साथ
सही तरह से
बात करने वाले
एक्सपर्ट से संपर्क करना
चाहिए।
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Kunal Kuntal is active in Journalism since last several Years.He was associated with several Newpapers & News Channels.He has having deep knowledge of stateslikeDelhi,Uttar Pradesh, Uttarkhand,Punjab,Haryana,Rajasthan,Madhya Pradesh and Chattishgarh.Presently i am residing in Merrut/Delhi.Now,I am Lunching News Web Portal "KHAT-KHABARON-KA" under supervision and Direction of Munesh Singh with "JYOTI SIKSHA SAMITI".With this News Wb Portal I will try to serve you most updated News without any biased ideology.We also try to serve humanity without any monetary and self benefits which will be a landmark in india society.
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