नेपाल के काठमांडू से प्रकाशित एक अखबार में संविधानविद पूर्णमान शाक्य के बयानों का हवाला देकर कहा गया है कि अब भारत के तीन गांवों के ग्रामीण नेपाली की नागरिकता लेना चाहे तो सरकार उन्हें नागरिकता दे सकती है। अखबार में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के जानकार पूर्णमान शाक्य ने कहा है कि तीन गांवों के ग्रामीणों के पास भारत के आधार कार्ड होंगे परंतु जिस जमीन पर वह रह रहे हैं वह भूमि नेपाल की है। यह अब नेपाल के नक्शे में शामिल है। तीनों गांव में 3000 लोगों की आबादी है। ये तीन गांवों के नाम हैं,,,गुंजी,,, नाबी और कुटी,,,,निश्चित तौर पर भारत से नेपाल के रिश्तों के बीच इन प्रकार की ख़बरें,, किसी भी सुखद भविष्य की कतई आहट नहीं दे रही हैं।
नेपाल के काठमांडू से प्रकाशित एक अखबार में संविधानविद पूर्णमान शाक्य के बयानों का हवाला देकर कहा गया है कि अब भारत के तीन गांवों के ग्रामीण नेपाली की नागरिकता लेना चाहे तो सरकार उन्हें नागरिकता दे सकती है। अखबार में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के जानकार पूर्णमान शाक्य ने कहा है कि तीन गांवों के ग्रामीणों के पास भारत के आधार कार्ड होंगे परंतु जिस जमीन पर वह रह रहे हैं वह भूमि नेपाल की है। यह अब नेपाल के नक्शे में शामिल है। तीनों गांव में 3000 लोगों की आबादी है। ये तीन गांवों के नाम हैं,,,गुंजी,,, नाबी और कुटी,,,,निश्चित तौर पर भारत से नेपाल के रिश्तों के बीच इन प्रकार की ख़बरें,, किसी भी सुखद भविष्य की कतई आहट नहीं दे रही हैं।
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