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Wednesday, January 16, 2019

अयप्पा मंदिर में घुसने की कोशिश कर रही 2 महिलाओं को भीड़ ने घेरा, भारी प्रदर्शन


अयप्पा मंदिर में घुसने की कोशिश कर रही 2 महिलाओं को भीड़ ने घेरा, भारी प्रदर्शन


केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर घमासान जारी है। आज तड़के ही सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में दो महिलाओं ने घुसने की कोशिश की। जिसके बाद से भारी प्रदर्शन हो रहे हैं। भीड़ ने महिलाओं को बेस कैंप से कुछ दूरी पर घेर लिया। हालांकि पुलिस की मुश्तैदी में दोनों महिलाओं को सुरक्षित बचा लिया गया। इससे पहले उन्होंने मंदिर में दर्शन किये बगैर लौटने से इनकार कर दिया था और कहा था कि इसके लिए 41 दिनों तक तपस्या की है। दोनों महिलाएं नौ सदस्यों के ग्रुप में शामिल थी, जिन्हें पंबा बेस कैंप के पास रोक दिया गया। आपको बता दें कि मंदिर प्रशासन, हिंदूवादी संगठन, आरएसएस, बीजेपी और कांग्रेस का एक वर्ग सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहा है। सभी परंपरा की दुहाई दे रहे हैं। पिछले दिनों कनक दुर्गा नाम की एक महिला ने पुलिस की भारी सुरक्षा में गुपचुप ढ़ंग से मंदिर में एंट्री ली थी। उनके साथ बिंदु नाम की भी महिला मौजूद थी। जिसके बाद से लगातार भारी प्रदर्शन हो रहे हैं। कल कथित तौर पर कनक दुर्गा की सास ने घर में मारपीट की थी। वे करीब दो सप्ताह से हमले की डर से घर से बाहर थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के उसके फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं पर 22 जनवरी से शायद सुनवाई नहीं हो सके क्योंकि एक जज खराब स्वास्थ्य की वजह से छुट्टी पर हैं। ध्यान रहे कि तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पिछले साल 28 सितंबर को बहुमत के फैसले में सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देते हुये कहा था कि इनके प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है। जिसके बाद से प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य में प्रदर्शन के बाद, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग को लेकर करीब 48 याचिकाएं दायर की गयी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं की एंट्री प्रतिबंधित थी। ऐसी प्रथा है कि स्वामी अयप्पा ब्रह्मचारी हैं और माहवारी की आयु (10 से 50 साल) की महिलाएं मंदिर में नहीं जा सकती हैं।

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