इस शिवलिंग पर न छत न दीवार, दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु, होती है हर मनोकामना पूरी
 मेरठ
में परीक्षितगढ़ क्षेत्र के
नारंगपुर आसिफाबाद स्थित झाड़खंडी शिव
मंदिर की मान्यता दूर-दूर तक है।
यह भगवान शिव
का एक ऐसा
मंदिर है जहां
पर खुले में
शिवलिंग विराजमान है। इस मंदिर
के बारे में
प्रचलित है कि स्थापना के
समय जब शिवलिंग के
चारों तरफ दीवार
बनाई गई तो
वह एक रात
में ही गिर
गई। छत बनाने
के लिए पिलर
खड़े करने के
बाद टीन डाली
गई तो वह
भी नहीं रुक
पाई। यहां तपस्या
करने वाले जटल
गुरु महाराज ने
बताया कि झाड़
के बीच से
निकले इस शिवलिंग को
कोई ढक नहीं
सकता है। इसके
बाद शिवलिंग को
खुले में रखते
हुए मंदिर की
स्थापना की जा सकी।
आज इस मंदिर
में दर्शन करने
के लिए दूर-दराज से श्रद्धालुओं के
अलावा तपस्या करने
के लिए साधु-महाराज बड़ी संख्या
में आते हैं।
मेरठ
में परीक्षितगढ़ क्षेत्र के
नारंगपुर आसिफाबाद स्थित झाड़खंडी शिव
मंदिर की मान्यता दूर-दूर तक है।
यह भगवान शिव
का एक ऐसा
मंदिर है जहां
पर खुले में
शिवलिंग विराजमान है। इस मंदिर
के बारे में
प्रचलित है कि स्थापना के
समय जब शिवलिंग के
चारों तरफ दीवार
बनाई गई तो
वह एक रात
में ही गिर
गई। छत बनाने
के लिए पिलर
खड़े करने के
बाद टीन डाली
गई तो वह
भी नहीं रुक
पाई। यहां तपस्या
करने वाले जटल
गुरु महाराज ने
बताया कि झाड़
के बीच से
निकले इस शिवलिंग को
कोई ढक नहीं
सकता है। इसके
बाद शिवलिंग को
खुले में रखते
हुए मंदिर की
स्थापना की जा सकी।
आज इस मंदिर
में दर्शन करने
के लिए दूर-दराज से श्रद्धालुओं के
अलावा तपस्या करने
के लिए साधु-महाराज बड़ी संख्या
में आते हैं। 
 
 
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